*शीर्षक - चलो स्कूल चलें*
हमें स्वीकार शिक्षा है,
जगत आधार शिक्षा है,
मिटाने को तिमिर उर से,
बनी तलवार शिक्षा है।
शिक्षा की इस अभिलाषा में,
व्यवधानों को भूल चलें।
चलो स्कूल चलें।।
दिया सन्मार्ग शिक्षा ने,
किया दिग्दर्श शिक्षा ने,
सदा सबका सहारा बन,
दिया प्रतिदर्श शिक्षा ने।
सदाचार के प्रतिपालक बन
हरने को हिय शूल चलें।
चलो स्कूल चलें।।
दिलाती मान शिक्षा है,
सिखाती सम्मान शिक्षा है।
मधुर मुखरित महानायक,
बढाती आन शिक्षा है।
यही 'दीप' कामना निशिदिन
प्रभु से कर अनुकूल चलें।
चलो स्कूल चलें।।
-प्रदीप कुमार पाण्डेय 'दीप'
हमें स्वीकार शिक्षा है,
जगत आधार शिक्षा है,
मिटाने को तिमिर उर से,
बनी तलवार शिक्षा है।
शिक्षा की इस अभिलाषा में,
व्यवधानों को भूल चलें।
चलो स्कूल चलें।।
दिया सन्मार्ग शिक्षा ने,
किया दिग्दर्श शिक्षा ने,
सदा सबका सहारा बन,
दिया प्रतिदर्श शिक्षा ने।
सदाचार के प्रतिपालक बन
हरने को हिय शूल चलें।
चलो स्कूल चलें।।
दिलाती मान शिक्षा है,
सिखाती सम्मान शिक्षा है।
मधुर मुखरित महानायक,
बढाती आन शिक्षा है।
यही 'दीप' कामना निशिदिन
प्रभु से कर अनुकूल चलें।
चलो स्कूल चलें।।
-प्रदीप कुमार पाण्डेय 'दीप'
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